Thursday, February 7, 2019

क्या धर्म बदलकर ईसाई बन गए हैं प्रकाश राज? - फ़ैक्ट चेक

राजनेता बने दक्षिण भारतीय अभिनेता प्रकाश राज की कुछ तस्वीरें इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं कि वह धर्म परिवर्तन करके ईसाई बन गए हैं.
इस दावे के साथ ये तस्वीरें उस समय वायरल हुईं जब वह रविवार को बेंगलुरु के बेथेल चर्च गए थे.
प्रकाश राज की चर्च के पादरी के साथ खींची गई तस्वीर को फ़ेसबुक ग्रुप 'वी सपॉर्ट अजित डोवाल' ने शेयर करते हुए अभिनेता को ऐसा पाखंडी बताया जो भगवान अयप्पा को नहीं मानता.
ट्वीट करके कहा गया कि प्रकाश राज मामले को 'भगवान अयप्पा बनाम ईसाई भगवान' का रंग देना चाहते हैं.
कई हिंदुत्व समर्थकों ने प्रकाश राज पर हिंदुओं से नफ़रत करने और ईसाइयत का प्रचार करने का आरोप लगाया.
ट्विटर हैंडल 'रमेश रामचंद्रन' ने ट्वीट किया कि प्रकाश राज ऐसे ढोंगी पादरी के साथ प्रार्थना कर रहे हैं जिसने कर्नाटक में हज़ारों हिंदुओं का ईसाई धर्म में परिवर्तन कराया है.
हमारी पड़ताल में पता चला कि ये वायरल हुई तस्वीरें भ्रामक हैं.
हमने पाया कि ये तस्वीरें असली हैं मगर उनका संदर्भ वह नहीं है, जो सोशल मीडिया में बताया जा रहा है.
ग्रुपों और ट्विटर हैंडलों ने प्रकाश राज की धार्मिक स्थलों, जैसे कि मस्जिद, गुरुद्वारा या मंदिर जाने की तस्वीरें शेयर नहीं की हैं.
ऐसा नहीं है कि प्रकाश राज सिर्फ़ चर्चों में ही जाते हैं. उनके आधिकारिक ट्विटर और फ़ेसबुक पेज पर उनके मस्जिद, चर्च, मंदिर और गुरुद्वारे जाने की तस्वीरें भी हैं.
उन्होंने ट्वीट किया है, "सभी धर्मों का सम्मान करना, बदले में सभी से सम्मान और आशीष हासिल करना हमारे देश की आत्मा में है. आइए समावेशी भारत का गुणगान करें, समावेशी भारत सुनिश्तित करें."
प्रकाश राज ने बीबीसी को बताया कि इस तरह के संदेश आगामी आम चुनावों को सांप्रदायिक रंग में रंगने की कोशिश में शेयर किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, "मैं चर्च, मस्जिद, गुरुद्वारे या मंदिर में तब जाता हूं जब वहां लोग धर्मनिरपेक्षता के लिए अपने ढंग से प्रार्थना करना चाहते है. और मैं इस बात का सम्मान करता हूं. भक्त जो तरीके अपना रहे हैं, उनसे उनकी सोच को लेकर पता चलता है कि वे कैसे देश में नफ़रत फैला रहे हैं."
प्रकाश राज ख़ुद को नास्तिक मानते हैं. सोशल मीडिया ने उन पर इस बात के लिए निशाना साधा कि वह भगवान अयप्पा को नहीं मानते मगर ईसाई धर्म में यक़ीन रखते हैं.
ये दावे प्रकाश राज के सोशल मीडिया पर मौजूद उन वीडियो के आधार पर किए गए थे, जिनमें उन्होंनें महिलाओं को केरल के सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने से रोके जाने के संदर्भ में बात की थी.
वीडियो में प्रकाश राज को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "कोई भी धर्म जो किसी महिला को, मेरी मां को, पूजा करने से रोकता है, वो मेरा धर्म नहीं है. जो कोई भक्त मेरी मां को पूजा करने से रोकेगा, मेरे लिए वह भक्त नहीं है. जो कोई भगवान नहीं चाहता कि मेरी मां उसकी पूजा करे, वह मेरे लिए भगवान नहीं है."
यह बयान उन महिलाओं के समर्थन में दिया गया था जो सबरीमला मंदिर में प्रवेश के अधिकार के लिए प्रदर्शन कर रही थीं.
अपने धर्म को लेकर किए जा रहे फ़र्ज़ी दावों को लेकर प्रकाश राज ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह कहते हैं, "भगवान को मानना या न मानना महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण है दूसरों के यक़ीन का सम्मान करना. धर्म में राजनीति को मत लाइए."
देश में बढ़ रही फ़ेक न्यूज़ पर बात करते हुए प्रकाश राज ने बीबीसी से कहा कि ये ख़बरें तब वायरल हो जाती हैं, जब कुछ लोगों का समूह आवाज़ उठाने वालों को 'एंटी-नैशनल', 'अर्बन-नक्सली', 'टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य' या 'हिंदू विरोधी' क़रार देता है.

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