की मार से लाहुल घाटी में कैद 36 और सैलानी शुक्रवार को आजाद हो गए।
प्रशासन के रेस्क्यू आपरेशन के चौथे दिन हेलिकाप्टर के जरिए इन सैलानियों
को एयरलिफ्ट किया गया। पौ फटते ही वायु सेना के हेलीकाप्टर ने पहली उड़ान
छतडू, छोटा दड़ा के लिए भरी और दूसरी उड़ान आर्मी कैंप के लिए भरी गई। दोनों उड़ानों में 36 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया। ये सैलानी
महाराष्ट्र दिल्ली और मुंबई के हैं। सभी पर्यटकों को ढालपुर मैदान में
पहुंचाया गया । सभी का प्राथमिक उपचार क्षेत्रीय अस्पताल में चल रहा है।
एसी-टू-डीसी सन्नी शर्मा ने बताया कि पिछले चार दिनों से चले रेस्क्यू
आपरेशन में वायु सेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से अब तक 146 सैलानियों को
रेस्क्यू किया जा चुका है। अब भी 25 पर्यटक फंसे हुए हैं।कोर्ट ने शुक्रवार को फिर ऐतिहासिक फैसला सुनाया. केरल के सबरीमाला मंदिर
में लगी महिलाओं की एंट्री पर रोक को सर्वोच्च अदालत ने हटा दिया है. केरल
के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगी रोक अब खत्म हो गई है.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने अपना ऐतिहासिक फैसला
सुनाया. पांच जजों की बेंच ने 4-1 (पक्ष-विपक्ष) के हिसाब से महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया. करीब 800 साल पुराने इस मंदिर में ये मान्यता पिछले
काफी समय से चल रही थी कि महिलाओं को मंदिर में प्रवेश ना करने दिया
जाए. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस नरीमन, जस्टिस
खानविलकर ने महिलाओं के पक्ष में एक मत से फैसला सुनाया. जबकि जस्टिस इंदु
मल्होत्रा ने सबरीमाला मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया. फैसला पढ़ते हुए
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि आस्था के नाम पर लिंगभेद नहीं किया जा
सकता है. कानून और समाज का काम सभी को बराबरी से देखने का है. महिलाओं के
लिए दोहरा मापदंड उनके सम्मान को कम करता है. चीफ जस्टिस ने कहा कि भगवान
अयप्पा के भक्तों को अलग-अलग धर्मों में नहीं बांट सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट
ने कहा कि अनुच्छेद 25 के मुताबिक सभी बराबर हैं. समाज में बदलाव दिखना
जरूरी है, व्यक्तित्व गरिमा अलग चीज है. पहले महिलाओं पर पाबंदी उनको कमजोर
मानकर लगाई गई थी. जस्टिस नरीमन ने अपना फैसला पढ़ते हुए कहा कि महिलाओं
को किसी भी स्तर से कमतर आंकना संविधान का उल्लंघन करना ही है. सुप्रीम
कोर्ट के फैसले के बाद सबरीमाला मंदिर की ओर से याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि
वह इस पर रिव्यू पेटिशेन दायर करेंगे.आस्ट्रेलिया के डी आर्की शार्ट लिस्ट ए क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत
स्कोर बनाने वाले तीसरे बल्लेबाज़ बन गये हैं और इस मामले में उन्होंने
भारत के सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन को पीछे छोड़ दिया है। शार्ट ने 148
गेंदों में रिकार्ड 23 छक्कों की मदद से 257 रन बनाये और 11 रनों के अंतर
से वह लिस्ट ए क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाने का रिकार्ड अपने
नाम करने से मात्र 11 रन ही पीछे रहे। किसी आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी का
एकदिवसीय प्रारूप में भी यह सर्वाधिक स्कोर है। उन्होंने अपनी इस पारी से
जेएलटी वनडे कप में क्वींसलैंड के खिलाफ यह पारी खेली और अपनी टीम वेस्टर्न
आस्ट्रेलिया को 116 रन से जीत दिला दी। शार्ट ने इसी के साथ लिस्ट ए में
सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर के मामले में भारतीय बल्लेबाज़ धवन को पछाड़ दिया
है जिनके 248 रन हैं। धवन इसी के साथ सूची में खिसककर चौथे नंबर पर आ गये
हैं जबकि भारत के ही रोहित शर्मा 264 रनों के साथ दूसरे नंबर पर जबकि अली
ब्राउन 268 रनों के साथ शीर्ष स्थान पर हैं। वेस्टर्न आस्ट्रेलिया की पारी
में तीसरे नंबर पर उतरे शार्ट के अलावा अन्य कोई बल्लेबाज़ 30 रन के पार
नहीं जा सका। उन्होंने 148 गेंदों की पारी में 15 चौके और 23 छक्के लगाते
हुये 257 रन ठोक डाले और आठवें बल्लेबाज़ के रूप में आउट हुये। शार्ट ने
कमाल की बल्लेबाज़ी की और अपने 100, 150, 200 और 250 रन छक्के जड़ने के साथ
पूरे किये। उनकी यह पारी आस्ट्रेलिया की तरफ से चौथा 200 के पार का स्कोर
है।
जिस पंजाब को ज़्यादातर उत्तर
भारतीय जनमानस हरित क्रांति, समृद्धि, भांगड़ा और ख़ुशहाल किसानों से
जोड़ता हैं, वहां की ज़मीनी सच्चाई आज मुख्तियार जैसे किसानों की कहानियों
से भरी पड़ी है.
पंजाब सरकार की ओर से राज्य के तीन विश्वविद्यालयों की मदद से कराए गए पहले आधिकारी ‘डोर-टू-डोर’ सर्वे के मुताबिक़ पंजाब में वर्ष और के बीच , किसानों ने आत्महत्या कर ली.
इन 16,606 किसानों में कुल 87 प्रतिशत मामलों में किसानों ने खेती से जुड़े ख़र्चों के लिए कर्ज़ लिया था और फिर उसे चुका न पाने की वजह से उन्होंने ख़ुदकुशी कर ली.
सरकारी आंकड़ो से बनी पंजाब की यह भयावय तस्वीर अभी पूरी नहीं होती. आगे यह भी जानिए कि अपनी जान ख़ुद लेने वाले इन किसानों में 76 प्रतिशत छोटे किसान हैं जिनके पास 5 एकड़ से भी कम ज़मीनें हैं.
पंजाब सरकार की ओर से राज्य के तीन विश्वविद्यालयों की मदद से कराए गए पहले आधिकारी ‘डोर-टू-डोर’ सर्वे के मुताबिक़ पंजाब में वर्ष और के बीच , किसानों ने आत्महत्या कर ली.
इन 16,606 किसानों में कुल 87 प्रतिशत मामलों में किसानों ने खेती से जुड़े ख़र्चों के लिए कर्ज़ लिया था और फिर उसे चुका न पाने की वजह से उन्होंने ख़ुदकुशी कर ली.
सरकारी आंकड़ो से बनी पंजाब की यह भयावय तस्वीर अभी पूरी नहीं होती. आगे यह भी जानिए कि अपनी जान ख़ुद लेने वाले इन किसानों में 76 प्रतिशत छोटे किसान हैं जिनके पास 5 एकड़ से भी कम ज़मीनें हैं.